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भारत बन्द पर निबंध
वॉट्सएप पर मेरे एक सखा ने बहुत ही सुन्दर निबंध भेजे है
आप भी जरूर पढ़ें
👇दो लाइन👇
||कबीरा खड़ा बजार में, दियो टायर दहकाय।
नेता अपनी रोटियां,सेंक-सेंक ले जाय।||
इस भाग दौड़ की तनाव भरी जिंदगी में भारतबन्द का त्यौहार
भारत बन्द (shutdown) हमारा राष्ट्रीय त्योहार है।
देश के सभी राज्यों में मनाया जाता है।बिहार, बंगाल यूपी, केरल,मध्यप्रदेश,राजस्थान,हरियाणा आदि राज्यों में बरसों से पारम्परिक तरीकों से मनाया जाता रहा है।आजकल गुजरात,महाराष्ट्र अन्य राज्यों में भी
जोर शोर से मनाया जाने लगा है
इस भाग दौड भरी जिंदगी में भारतबन्द का त्यौहार हमें परिवार के साथ वक्त बिताने का सुनहरा मौका देता है।अब तो इंटरनेट के माध्यम से सामाजिक सरोकारों को बढ़ाने का मौका भी मिलती है। कभी-कभी बंद करता गानों के अति उत्साह की वजह से इंटरनेट भी बन्द हो जाता है,
लोकतंत्र का धार्मिक उत्सव है।
जिस तरह होली दीवाली पंडित जी द्वारा पतरा देखके,ईद-मोहर्रम इमाम साहेब द्वारा चांद देखकर,क्रिसमस जॉर्जियन कलेंडर देखकर मनाया जाता है, ठीक उसी तरह भारत बंद (shutdown) का त्योहार नेता लोगो के द्वारा चुनाव आने का टाइम देखकर मनाया जाता है। यह लोकतंत्र का धार्मिक उत्सव है।ये भी पढ़िए :- महान सत्तावादी व्यक्ति नीतीश कुमार की जीवन
नेताओं व नवयुवा समर्पित लोग सुबह-सुबह सड़क पर निकलते हैं।सड़क पर टायर जलाकर खुशियां मनाते हैं।गाड़ियों और दुकानों का शीशा तौर फोर करते है ,स्कूटर, रिक्शा आदि के टायरों से हवा निकालना आदि Bharat Band त्योहार के पारंपरिक पौराणिक रीति रिवाज हैं। गाली गलौज मारपीट इस पर्व की रोमांच में चार चांद लगा देती हैं।
भारत बन्द (shutdown) का त्योहार अभिव्यक्ति की आजादी के विजय का प्रतीक है।यह त्योहार आदमी के अंदर के जानवर को आदर के साथ बाहर लाता है। पशुता के प्रहसन के माध्यम से लोक शाही की श्रेष्ठता का जनजागरण होता है।उन्माद और विवाद की पराकाष्ठा पर पहुंचने में संवेग और उदवेग दोनों का सहारा लिया जाता है।
चाय,पकोड़े, और शराब कबाब का इंतजाम सड़क पर ही हो जाता है
भारत बन्द (shutdown) में नेता सड़कों पर अपनी पारम्परिक भेषभूषा जैसे पजामा कुर्ता और गमछा पहनकर निकलते हैं।आम लोग लुंगी,बनियान और गमछी में झंडा लेकर ही निकलते हैं।आजकल नवयुवक बरमुडा टी शर्ट में भी निकलने लगे है
चाय,पकोड़े, और शराब कबाब का इंतजाम सड़क पर ही होता है।पहले भारत बन्द मनाने वाले लोग स्वयं ही इन खाने का मज़ा उठाते थे। जब से मीडिया भी इस त्योहार में कलम कैमरे के साथ हिस्सा लेने लगी है और शक्ति प्रदर्शन की सेल्फी फोटो का डिमांड बढ़ा है, बन्द कराते लोग काफी सभ्य होने का प्रदर्शन करने लगे हैं।बंद पीड़ितों को भी चाय नाश्ता दवा-दारू दिया जाता है,एम्बुलेंसों को रास्ता देने का सद्कर्म भी किया जाने लगा है,जिसे पशुता पर मानवता की विजय कह कर छापा और दिखाया जाने लगा है।मानवीय गुणों का यह प्रदर्शन निश्चय ही सराहनीय है।
भारत-बन्द (shutdown ) आलसी लोगो के लिए लोकतंत्र का अनमोल वरदान है।सोमवार से लेकर शुक्रवार तक किए जाने वाला बन्द श्रेष्ठतम लोको पकार का है।स्कूलों कालेजों को बन्द कराने में बाल कल्याण की भावना छुपी है।सोमवार और शुक्रवार का भारतबन्द सबसे पावन बन्द है।मंगलवार से वृहस्पतिवार तक का बन्द मध्यम आनंददायी होता है।रविवार को या शनिवार को आहूत बन्द निकृष्ट कोटि के बन्द की श्रेणी में आता है।
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आंखों के रास्ते मन का मैल धुलबाने का आजमाया हुआ अंग्रेजी तरीका है।
आजकल हर पर्व त्योहार के विरोध का फैशन बन गया है।निश्चय ही कुछ लोग इस भारतबन्द(shutdown) पर्व पर भी ऊँगली उठाएंगे! लोकतंत्र में सबको अपनी बात कहने का अधिकार है।बस इतना ध्यान रखें कि बन्द का विरोध शांतिपूर्ण तरीके से करें।उत्सव में रंग में भंग न डालें!भावनाओं को आहत न करें।पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी है कि बन्द को शांतिपूर्ण तरीके से मनाए जाने में सप्रेम अपना योगदान दें।आंसू गैस के गोले से लोगों को भावुक होने में मदद करें!आंखों के रास्ते मन का मैल धुलबाने का आजमाया हुआ अंग्रेजी तरीका है।
भारतबन्द ( shutdown) के इस महान पर्व के शुभ अवसर पर हम बन्द के समर्थक और विपक्षी दोनों पक्षों को अपनी हार्दिक शुभकामनाएं समर्पित करते हैं।लोकतंत्र के चौथे खम्भे पर ज्यादा प्रवाह आपके विसर्जन का हो!इसी मंगलकामना के साथ अपने निबंध को बन्ध देता हूँ।
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