Happy Raksha Bandhan 2025 | रक्षा बंधन पर निबंध | Raksha Bandhan Essay In Hindi

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Raksha bandhan essay in Hindi: रक्षा बंधन का त्योहार हर साल श्रावण पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्योहार भाई बहन के प्यार का प्रतीक है, जिसे राखी त्योहार के नाम से भी जाना जाता है। रक्षा बंधन पर बहनें भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनके सुखी जीवन की कामना करती हैं। और इसी के साथ भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन लेता है। लेख में बने रहिए यहां हम आपको स्कूल में रक्षाबंधन पर निबंध कैसे लिखे इसकी संपूर्ण जानकारी बता रहे हैं। यह जानकारी आपके स्कूल रक्षाबंधन निबंध प्रतियोगिता में आपकी मदद कर सकती है

स्कूलों में रक्षा बंधन के अवसर पर निबंध प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। जिस में बच्चों को रक्षा बंधन पर निबंध लिखने को दिया जाता है
Raksha Bandhan Essay In Hindi

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रक्षा बंधन पर निबंध हिंदी में (Raksha Bandhan 2024 Essay In Hindi)

स्कूलों में बच्चों के लिए रक्षा बंधन पर निबंध हिन्दी में –

स्कूलों में रक्षा बंधन के अवसर पर निबंध प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। जिस में बच्चों को रक्षा बंधन पर निबंध लिखने को दिया जाता है। ऐसे में अगर बच्चों को राखी पर निबंध लिखना है तो यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा। जो बच्चे निबंध प्रतियोगिता में भाग लेते हैं उन्हें रक्षाबंधन पर निबंध की तलाश रहती है, एसे में आप यहां से "रक्षा बंधन पर निबंध 100 शब्दों में" के आलावा "रक्षा बंधन पर निबंध for class 9,8,7,6,5,4,3,2,Hindi" और 'रक्षा बंधन पर 20 लाइन का निबंध' "Raksha Bandhan Essay In Hindi" में प्राप्त कर सकते हैं। तो आइये जानते हैं रक्षा बंधन पर निबंध कैसे लिखें?


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रक्षा बंधन पर निबंध हिंदी में 200 शब्दों में 

Raksha Bandhan Essay In Hindi 200 Words –

  • रक्षा बंधन हिंदुओं का एक पारंपरिक त्योहार है, भाई बहन के प्रेम का प्रतीक यह त्योहार हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। यह त्योहार पौराणिक काल से ही भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है, जिसे आम बोलचाल में "राखी" के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन बहन भाई की कलाई पर राखी बांधती है और भाई के सुखी जीवन की कामना करती है। इसके साथ ही भाई अपनी बहन की रक्षा का संकल्प लेता है।
  • रक्षाबंधन का त्योहार आते ही भाई-बहन का प्यार, पुरानी यादें सब ताजा हो जाती हैं। क्योंकि यह एक ऐसा बंधन है जो रिश्ते को बाध देता है। भाई-बहन का रिश्ता अगर इस पवित्र बंधन में रखा जाए तो दोनों एक दूसरे से कितनी ही दूर क्यों न हों, लेकिन दिलों में कोई दूरी न हो, इसे ही रक्षाबंधन का पर्व कहा जाता है। 
  • रक्षा बंधन में सबसे महत्वपूर्ण धागा रेशम का धागा होता है, जिसे महिलाएं भाई की कलाई पर बांधती हैं, लेकिन आज बाजार में कई तरह की राखियां उपलब्ध हैं, जिनमें से कुछ सोने और चांदी की हैं। साधारण रेशमी धागे से बना प्यार का यह बंधन धीरे-धीरे एक शो में बदल रहा है। 

रक्षाबंधन पर निबंध 150 शब्दों में 

Raksha bandhan essay in hindi 150 words –

  • श्रावणी पूर्णिमा के दिन बहन द्वारा भाई की कलाई पर रेशम के धागे से बंधन बांधने की रस्म को रक्षा बंधन कहा जाता है। पहले रक्षा के वादे का यह पर्व विभिन्न रिश्तों के तहत मनाया जाता था, लेकिन समय बीतने के साथ यह भाई-बहन का अटूट बंधन बाला प्रेम बन गया है।
  • इस त्योहार पर बहनें सुबह स्नान कर पूजा थाली को सजाती हैं, पूजा के थाली में राखी, रोली, कुमकुम, अक्षत, दीपक और मिठाई रखी जाती है. उसके बाद भाई को घर की पूर्व दिशा में बैठाया जाता है और आरती की जाती है, सिर पर अक्षत (चावल) रखा जाता है, माथे पर कुमकुम का तिलक किया जाता है, फिर रेशम के धागे से बनी राखी कलाई पर बांधी जाती है। और अंत में मिठाई परोसी जाती है। जब भाई छोटे होते हैं तो बहनें भाइयों को उपहार देती हैं, लेकिन भाई बड़े होते है तो बहनों को उपहार देते हैं। 

100 शब्दों में, रक्षा बंधन पर निबंध

Raksha Bandhan Essay In Hindi 100 Words –

भारत देश में रक्षा बंधन का त्योहार भाई-बहन के बीच के बंधन को मजबूत करने का त्योहार है। रक्षा बंधन यानी सुरक्षा का बंधन, यह पर्व हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई की रक्षा के लिए भाई के कलाई पर 'राखी' नामक पवित्र धागा बांधती है। श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाने वाला रक्षा बंधन भारत का सबसे लोकप्रिय पारंपरिक त्योहार है। राखी के त्योहार को लेकर कई प्राचीन कथाएं प्रचलित हैं। इतिहास में देखें तो भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षा बंधन, युद्ध में विजय प्राप्ती का प्रतीक है।

रक्षा बंधन पर 20,10 लाइन का निबंध

20 line essay on raksha bandhan in Hindi –

  1. रक्षा बंधन एक पारंपरिक त्योहार है जो भाई और बहन के प्यार का प्रतीक है।
  2. राखी का पर्व प्राचीन काल से ही भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है।
  3. रक्षा बंधन को "राखी" के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन बहन भाई की कलाई पर राखी बांधती है।
  4. राखी के दिन बहन भाई की कलाई पर राखी बांधती है और उनके जीवन में सुख समृद्धि की कामना करती है।
  5. यह अटूट प्रेम का बंधन है। जो एक दूसरे की परवाह (केयर) करना सिखाती है।
  6. राखी पर्व का महत्व तब और बढ़ जाता है जब बहन अपने ससुराल से राखी के लिए मायके भाई के पास आती है।
  7. रक्षा बंधन के अवसर पर भारत सरकार द्वारा डाक सेवा में विशेष छूट दी गई है।
  8. जैन धर्म में रक्षा बंधन का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है, इस दिन एक ऋषि ने 700 ऋषियों की जान बचाई थी।
  9. रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाइयों की दाहिनी कलाई पर राखी बांधती हैं। और उनसे अपनी रक्षा का संकल्प लेती हैं।
  10. राखी का त्योहार मुख्य रूप से भारत और नेपाल में मनाया जाता है। इसके अलावा यह मलेशिया और अन्य देशों में मनाया जाता है।
  11. इतिहास में राखी के महत्व के कई उल्लेख मिलते हैं। मेवाड़ की महारानी कर्मावती ने मुगल बादशाह हुमायूँ को राखी भेजकर सुरक्षा की गुहार लगाई थी।
  12. देश की सुरक्षा में तैनात जवानों को महिलाओं द्वारा राखी बांधी जाती है।
  13. इस दिन सभी भाई-बहन एक-दूसरे के प्रति प्रेम, कर्तव्य और सुरक्षा का संकल्प लेते हैं।
  14. राखी का इतिहास बहुत पुराना है। द्वापर की यह कहानी राखी की लोकप्रिय कहानियों में सबसे लोकप्रिय है।
  15. रक्षा बंधन में सबसे महत्वपूर्ण धागा रेशम का धागा होता है, जिसे महिलाएं भाई की कलाई पर बांधती हैं।
  16. राखी का त्योहार भाई-बहनों को भावनात्मक रूप से जोड़ता है।
  17. रक्षा बंधन का शाब्दिक अर्थ है रक्षा करने वाला धागा। इस पर्व में बहनें भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं।
  18. रक्षा बंधन में सबसे महत्वपूर्ण धागा रेशम का धागा होता है, जिसे बहनें अपने भाई की कलाई पर बांधती हैं।
  19. इस दिन सभी भाई-बहन एक-दूसरे के लिए प्यार, कर्तव्य और सुरक्षा की जिम्मेदारी लेते हैं।
  20. रक्षा बंधन का पर्व पौराणिक काल से ही भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है।

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Raksha Bandhan Essay In Hindi For Class 2,3,4,5,6,7,8,9,

रक्षा बंधन हिंदुओं का एक पारंपरिक त्योहार है, भाई बहन के प्रेम का प्रतीक यह त्योहार (पर्व) हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। यह त्योहार पौराणिक काल से ही भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है
Raksha Bandhan par nibandh (Rakshabandhan 2023)

रक्षा बंधन हिंदुओं का एक पारंपरिक त्योहार है, भाई बहन के प्रेम का प्रतीक यह त्योहार (पर्व) हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। यह त्योहार पौराणिक काल से ही भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है, जिसे आम बोलचाल में "राखी" के नाम से भी जाना जाता है। जिसे पूरे भारत समेत अन्य देशों में भी मनाया जाता है। रक्षा बंधन पर बहन भाई की कलाई पर राखी बांधती है और भाई के सुखी जीवन की कामना (प्राथना) करती है। इसके साथ ही भाई अपनी बहन की रक्षा का संकल्प (वचन) भी लेता है।


यद्यपि भारत में भाई-बहनों के बीच प्रेम और कर्तव्य की भूमिका किसी एक दिन के लिए जुनून नहीं है, लेकिन रक्षा बंधन के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के कारण, यह दिन इतना महत्वपूर्ण हो गया है। वर्षों से चला आ रहा यह पर्व आज भी बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। हिंदू श्रावण मास (July-August) में पूर्णिमा के दिन मनाया जाने वाला यह त्योहार भाई के अपनी बहन के प्रति प्रेम का प्रतीक है। 


रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाइयों की दाहिनी कलाई पर राखी बांधती हैं, उनका तिलक करती हैं और उनसे अपनी रक्षा करने का संकल्प लेती हैं। हालांकि रक्षा बंधन का दायरा इससे कहीं ज्यादा है। राखी बांधना अब केवल भाई-बहनों के बीच की गतिविधि नहीं रह गई है। देश की रक्षा, पर्यावरण की रक्षा, हितों की रक्षा आदि के लिए भी राखी बांधी जा रही है।


आज यह त्योहार (festival) हमारी संस्कृति की पहचान है और इस त्योहार (पर्व) पर हर भारतीय को गर्व है। लेकिन भारत में जहां बहनों के लिए यह खास त्योहार 'Rakhi' मनाया जाता है, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो भाई की बहनों को गर्भ (Pregnancy) में ही मार देते हैं. आज कई भाई अपनी कलाई पर राखी सिर्फ इसलिए नहीं बांध पा रहे हैं क्योंकि उनकी बहनों को उनके माता-पिता ने इस दुनिया में आने से पहले ही खत्म कर दिया।


शर्म की बात है कि जिस देश में शास्त्रों में कन्या पूजन का विधान है, वहां कन्या "भ्रूण हत्या" के मामले सामने आते हैं। यह त्योहार हमें यह भी याद दिलाता है कि "बहनें हमारे जीवन में कितना महत्व रखती हैं" यदि हम जल्द ही "कन्या भ्रूण हत्या पर नियंत्रण" नहीं करते हैं, तो संभव है कि एक दिन देश में "लिंगानुपात" और तेजी से घटेगा और सामाजिक असंतुलन भी होगा।


इस दिन सभी भाई-बहन एक-दूसरे के प्रति प्रेम, कर्तव्य और रक्षा की जिम्मेदारी लेते हुए रक्षाबंधन का पर्व शुभकामनाओं के साथ मनाएं।

पौराणिक कथाओं में रक्षा बंधन का उल्लेख

  • रक्षा बंधन (Rakhi) के त्योहार का उल्लेख इतिहास और हिंदू पौराणिक कथाओं में मिलता है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, प्राचीन काल में देवताओं और राक्षसों के बीच एक महान युद्ध हुआ था, जो लगातार 12 वर्षों तक चला था। इस युद्ध के अंत में देवताओं की हार हुई और राक्षसों की जीत हुई। इस जीत के बाद राक्षसों ने देवताओं के राजा इंद्र के सिंहासन पर कब्जा कर लिया। उसका पाप बढ़ता गया और उसने तीनों लोगों को पकड़ लिया। जब देवता तीनों लोकों में पराजित हो गए, तो सभी देवता एक साथ देवताओं के आध्यात्मिक गुरु बृहस्पति देव के पास गए और उनकी मदद मांगी।
  • गुरु देव बृहस्पति ने देवराज इंद्र को कुछ विजय मंत्र दिए और उनसे उनका जाप करने को कहा, ताकि उन्हें सुरक्षा मिल सके। बृहस्पति ने इंद्र को पूजा की पूरी विधि बताई और कहा कि श्रावण मास में पूर्णिमा के दिन से ही मंत्र जाप की प्रक्रिया शुरू कर दें। बृहस्पति देव ने इंद्र को एक अभिषेक ताबीज दिया। इस ताबीज को इंद्र की पत्नी शची 'इंद्राणी' ने अपनी दाहिनी कलाई पर बांधा था। जिसके बाद इंद्र देव बृहस्पति देव द्वारा दिए गए मंत्रों का विधिपूर्वक जप करने लगे।
  • पूजा पूरी करने के बाद, इंद्र को भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश का आशीर्वाद मिला। इन आशीर्वादों के कारण, भगवान इंद्र ने युद्ध में राक्षसों को हराया और तीनों लोकों पर देवताओं का प्रभुत्व स्थापित किया।
  • इस जीत के बाद हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को रक्षा बंधन का पर्व मनाया जाने लगा। वर्तमान में, रक्षा बंधन का त्योहार बहन के प्यार के साथ-साथ बाजारवाद का पर्याय बन गया है। भाई-बहन के प्यार में अब बाजारवाद का बोलबाला है, हर जगह सिर्फ रक्षा बंधन ही दिखावा है। इस समस्या को समझना होगा और रक्षा बंधन के पावन पर्व को उसका मूल स्वरूप देना होगा।

निष्कर्ष –

राखी का त्योहार हमें रिश्ते में एक साथ बांधने की कोशिश करता है। भाई को भी माता-पिता की तरह जिम्मेदारी निभाने का दर्जा दिया जाता है। माता-पिता जीवन भर साथ नहीं रहते, लेकिन भाई-बहन दोनों इस बंधन में बंधे होते हैं और एक-दूसरे से जुड़े होते हैं और इस दिन को भाई-बहन नहीं भूल सकते, भले ही बहन अपने ससुराल चली जाए लेकिन अपने मायके, दोस्त, सखी सहेली, भाई, भाभी, और अपने माता-पिता को नहीं भुला पति, चाहे उन्हें कितनी भी शिकायतें हों गिले शिकवे हो जाए फिर भी भाई को राखी बढ़ाने मायके आती है अगर किस कारण वस वह नहीं जापति है तो किसी न किसी रूप में अपने भाई को राखी जरूर भेजती है । अगर यह परंपरा है, तो केवल एक ही धागा है जो किसी को प्यार का एहसास कराता है। इस अटूट रिश्ते को कोई नहीं तोड़ सकता। इसे ही राखी का त्योहार कहा जाता है। 

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

प्रश्न : रक्षा बंधन पर निबंध कैसे लिखे?

उत्तर : रक्षा बंधन पर निबंध लिखने के लिए राखी के दिन होने वाले परम्परा और गतिविधी को लिख सकते हैं. किताबे या इस लेक से मदद ले सकते हैं।

प्रश्न : रक्षा बंधन का उल्लेख कहा किया गया है?

उत्तर : राखी त्यौहार का उल्लेख हिंदू शास्त्रों, पौराणिक कथाओं, महाभारत और इतिहास में मिलता है।

प्रश्न : राखी में कौन सा धागा उत्तम होता है?

उत्तर : राखी में रेशम के धागे को उत्तम और पवित्र माना जाता है।

अंतिम शब्द –

प्रिय पाठको उम्मीद है कि आप को यह लेख 'रक्षाबंधन पर निबंध' पसंद आया होगा यह लेख "Raksha Bandhan Essay In Hindi" आप सभी को कैसा लगा कमेंट जरुर करें पसंद आई हो तो अपने मित्रों के साथ साझा करें। 


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