Christina sings Chhath Puja Songs |
जीतना कठिन छठ़ व्रत कराना है। उतना ही मुसकील हे किसी अमिरकन को छठ़ पुजा के लोग गीत गाना
अमेरिकी लड़की क्रिस्टीना ने छठ पूजा गीत गाया। इससे पहले कि आप सुनें, आपको बता दें कि क्रिस्टियानो हिंदी नहीं बोल सकता, लेकिन बिहार के महापर्व छठ को इतना पसंद किया कि उसने छठ गीत भजनपुरी में गाया है। Christina एक अमेरिकी, गीतकार, है
भारतीए परंपरा को जानने आई तो छठ की जानकारी मिली
अमेरिका के फ्लोरिडा शहर में पली बढ़ी हू। और यही रहती हूं । 2007 में भारतीय परम्पराओं और त्यौहार की मान्यतओं जानने अपने पति के साथ पहली बार भारत गई थी। तक़रीबन एक महीने हम लोग जयपुर,दिल्ली,वाराणसी और असम के सिलचर गए इन सब शहर में घूमने के बक्त मुझे बिहार की छठ पूजा की जानकारी मिली। छठ पूजा के लोकगीत मेरे तन मन को छू लिया ।
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तब में छठ पूजा के पौराणिक मान्यताओं के बहुत बारीकी से निरीक्षण की मैंने जब से छठ पूजा को करीब से जाना है, खुद को प्रभु भास्कर से आध्यात्मिक जुड़ाव महसूस होती हैं। अब मुझे यह विश्वास हो गई है कि छठ पूजा में इस ब्रह्मांड का सबसे बड़ी तत्व और अंश है जो हमारी अंतरात्मा को छू जाती है। मैं भारतीय क्लासिकल संगीत जानती थी अब मेरी चाह छठ गीत गाने बढ़ गई। सोशल मीडिया और मेरे एक भारतीय मित्र के मदद से। छठ गीत के सारे शब्दों का उच्चारण सीखें तब छठ पूजा की गीत सीखना शुरू की। कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाये... मेरी सबसे पहले गाई गीत है। अब तो मैं छठ के कई गीत गाने लगी हूं।
धर्म के उस पार है आस्था का परचम लहराता
बिहार या हिन्दुस्तान आने का बहुत ही कम मौका मिलता है लेकिन मैं छठ पूजा से दिल से जुड़ी हूं। यह महापर्व मेरे लिए विशेष है। सूर्य देव के साथ सीधा जुड़ाव होने का महसूस होता है छठी मइया मुझे ऐसा मोह की मैं उन्हीं की होकर रह गई । चार दिनों के इस महापर्व का मैं भी बहुत बेसब्री से इंतजार करती हूं। नहाय-खाय, खरना, सूर्यास्त और सूर्योदय का अघ्र्य होता है। डूबते सूर्य और उगते सूर्य का दर्शन मैं भी छठ पूजा गीत गाकर करती हूं। अमेरिका जाकर वहां भारतीय समुदाय के बीच होने वाले छठ पर्व पर भी गीत गाकर उन्हें सुनती हू।
सोशल मीडिया पर इनके चाहने वाले लाखों हैं।
में अपनी छठ गीतों का वीडियो बनाकर सोसल मीडिया पर भी डाली हू। मेरे गीत को हजारों लोग देखते और पसन्द करते है अपना राई भी देते है। इससे मेरा गीत गाने का और आत्मविश्वास और बढ़ी है। मैं खुद के लिए छठ गीत गाती हूं, क्योंकि छठ गीत में जो भक्ति और सक्ती है वह दूसरे गीत-संगीत में नहीं है। केलवा के पात पर उगेलन सूरज,कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए,करे कोलू छठ बरतिया से झांके ऊंके,पहली ना पवन जी पिपरिया, दउरा घाटे पहुंचाये, इन गीतों को सीखने में मुझे तकरीबन तीन महीने लगे