मेरे बेटे, मुझे लगता है की अब मेरे जाने का समय आ चूका है।:- hard touching mother story in hindi

Ma bete ki kahaani in Hindi

hard touching mother story in hindi, दिल को छूने वाली कहानी

मेरी माँ एक छोटी सी दुकान चलाती है। उस से जो भी आमदनी होती हैं उससे हमारा गुजरा चलता हैं, मेरे माँ की एक आँख नहीं होने की वजह से मै उनसे नफरत करता हु। क्योकिं जब भी वो मेरे स्कूल में आती हैं मेरे दोस्त मुझे “तेरी माँ की एक आँख नहीं है!” कहकर मज़ाक उड़ाने और चिड़ाने लगते है।

माँ से कहीं दूर जाना चाहता था, Ma bete ki kahaani in Hindi

मेरी यही इच्छा थी की मेरी माँ मेरी निजी जिन्दगी से दूर रहे इसीलिये एक दिन में ने घुसे से कहा, “माँ, तुम्हारी दूसरी आँख ना होने के कारन मेरे दोस्तों मेरा मज़ाक उड़ाते है। तुम मर क्यू नही जाती?”
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उस समय मुझे थोडा गलती का महसुस होने लगा था लेकिन दूसरी ओर मेरी खुश भी थी क्योकि हर समय मै जो कहना चाहता था वह आज मैने कह दिया था। लेकिन यह सब सुनने के बाद माँ मेरी कुछ नही बोली और मुझे भी नही लग की मैंने उन्हें कुछ बुरा और दुःख देने वाली बात कही हो।

मैं इस गरीबी और मेरी माँ से कहीं दूर जाना चाहता था, तभी  से मैंने बहोत लगन से पढाई की। मैंने अपनी माँ  छोड़ कर  पढ़ने के लिए किसी दुसरे शहर आया गया और वहा के यूनिवर्सिटी मे मुझे एडमिशन भी मिल गया। कुछ सालो बाद  मैंने यही शादी कर ली। मैंने खुद का अपना घर भी खरीद लिया । फिर मेरे दो  बच्चे भी हो गए । अब मै सनो शोकत से एक सफल इंसान की तरह जी रहा था। मुझे यही ज़िन्दगी बहुत पसंद थी। 

दिनों दिन मेरी यह ख़ुशी बढ़ती  जा रही थी, लेकिन एक दिन अचानक मैंने अपनी मां को अपने दरवाजे पर देखा, तभी बच्चे मुझसे पुछने लगे की यह कौन है? तो मुझे कहना पड़ा की यह मेरी माँ है, तब मुझे ऐसा लगा जैसे मेरी सारी खुशियाँ आसमान से निचे गिर गयी हो। मेरी माँ की एक आँख की डर से मेरी छोटा बेटा भी भाग गया। तभी मैंने भी अपनी माँ से पूछा, तुम कौन हो? मै तुम्हे जानता नहीं हू!” मैंने इन्हें डाँटते हुए कहा, “तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे घर आने की और मेरा बेटा को डराने की! तुरंत यहां से चली जाओ !”

 उनके हाथो में कागज का एक टुकड़ा था, कहानी जो दिल को छू जाए

इतना सुनने के बाद माँ ने शांति से मुझे जवाब दिया,”ओह, मुझे माफ़ करे। शायद मै गलत एड्रेस पर आ गयी,” और वह चली गयी। मैंने प्रभु का शुक्रियादा कीया की उन्होंने मुझे नही पहचाना। अब मै सकून महसुस कर रहा था। और मैंने अपने आप से कहा की अब मै अपनी पुरानी ज़िन्दगी के बारे में कभी सोचना भी नही चाहता हूं।

कई दिन ख़ुशी ख़ुशी बीतने के बाद…एक दिन मेरे पुराने स्कूल का लैटर मेरे पास आया। मैंने अपनी पत्नी से झूट कहा की मै बिज़नेस के सिलिले में कुछ दिन के लिए बाहर जा रहा हु। में अपने पुराने स्कूल  चला गया उसके बाद मै अपने पुराने घर (झोपडी) में गया, मैंने वहा पाया की मेरी माँ ठण्डी फर्श पर गिरी हुई थी। ये सब देखने के बाद भी मेरी आँखों से एक आँसू तक नही निकला। उनके हाथो में कागज का एक टुकड़ा था……शायद वह मेरे लिए कोई पत्र ही था।

उस पे लिखा था :।          मेरे बेटे, मुझे लगता है की अब मेरे जाने का टाइम आ चूका है। और….अब मै तेरे घर भी नही जा सकती…. लेकिन मै एक बार तुम्हे देखना चाहती हु, तुम से मिलना चाहती हु। मुझे तुम्हारी बहुत याद आती है। और जब मैंने सुना की तुम यहां अपने पुराने स्कूल में किसी काम से आ रहे हो तो मुझे काफी ख़ुशी महसूस हुई।

लेकिन मैंने निश्चय किया की एक आँख होने की वजह से मै तुम्हारे स्कूल तुम से मिलने नही जाउंगी और मै नही चाहती थी की मुझे देखकर तुम्हे घबराहट हो। सायाद तुम्हे याद होगा जब तुम बहोत छोटे थे तब तुम्हारा एक्सीडेंट हुआ था और तुमने अपनी एक आँख खो दी थी। एक माँ होने के नाते से मै तुम्हे एक आँख में बड़ा होता नही देख सकती थी…..तो मैंने तुम्हें अपनी एक आँख दे दी….और आज मुझे गर्व है की मेरा बेटा इस संसार को देख सकता है।

माँ के लिए रोना आ रहा था, hard touching mother story in hind

तुमने जो कुछ भी किया उससे मै कभी दुःखी नही हुई। जितनी भी बार तुमने गुस्सा किया, मैंने अपने आप से कहा की, शायद तुम इसलिए डाँटते हो क्योकि तुम मुझसे बहोत प्यार करते हो। मुझे आज भी वह समय याद है की जब तुम छोटे होते थे तब हमेशा मेरे आस-पास ही रहते थे। मै तुम्हे बहोत याद करती हु. आई लव यू। मेरे लिए तुम ही मेरी दुनीयाँ हो।

ये सब पढ़कर मुझे लगा की मैंने उस इंसान से नफरत की जो पूरी ज़िन्दगी मेरे लिये जिया। मुझे अपनी माँ के लिए रोना आ रहा था, अब मुझे अपनी सबसे बड़ी गलती का अहसास हो चूका था……

सिख – Moral
किसी इंसान के अपंगत्व के लिए कभी उससे नफरत ना करे, कभी अपने माता-पिता की बेइज़्ज़ती ना करे, उन्हें बलिदानो को कभी ना भूले। उन्होंने ही हमें ये ज़िन्दगी दी है, उन्होंने एक राजा की तरह ही हमें बड़ा करने की कोशिश की है, वे हमेशा हमें देते रहे है और बेहतर से बेहतर देने की कोशिश करते रहे है। वे हमारे हर सपने को पूरा करना चाहते है। वे हमेशा हमें सही रास्ता दिखाकर प्रेरित करते है। बच्चों के लिए माता-पिता अपनी खुशियो का बलिदान देते है और बच्चों की सभी गलतियों को माफ़ करते है। हमें हमेशा उनका सम्मान करना चाहिए और उन्हें प्यार देना चाहिए।

Arjun kashyap

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