Shaheed Diwas Bhagat Singh History in Hindi, महज 23 साल जवानी की उम्र में देश के लिए कुर्बान हो गए शहीद-ए-आजम भगत सिंह, जानिए उनकी जिंदगी से जुड़े तथ्य
भगत सिंह शहीद दिवस कब मनाया जाता है, और Bhagat Singh death Anniversary ,Bhagat Singh Rajguru sukhdev, Bhagat Singh Shaheed Diwas, Bhagat Singh jayanti, यह सब जानने के लिए यह लेख पूरा पढ़िए यहां नीचे shaheed diwas kyu manaya jata hai और शहीद भगत सिंह की जिंदगी से जुड़े तथ्य बताया गया हैं, तो आइए इनके बारे में विस्तार से पढ़ें।
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"Shaheed Diwas Bhagat Singh: भारत देश के महान स्वतंत्रता सेनानी शहीद भगत सिंह की आज 91वीं पुण्यतिथि मनाया जा रहा है। आज ही के दिन साल 1931 में भगत सिंह और उन्हीं के दो मित्र शिवराम राजगुरु एवं सुखदेव थापर को अंग्रेजों ने फांसी पर चढ़ा दिया था। शहीद दिवस के मौके पर सम्पूर्ण भारत देश उन्हें नमन कर के श्रद्धांजलि दे रहा है।"
Shaheed Diwas Bhagat Singh History: अंग्रेजों से भारत को आजाद करने के लिए इस देश के अनेकों सपूतों ने अपनी जान निछावर कर दी है. देश के लिए मर मिटने का इतिहास बेगार शहीद भगत सिंह के कभी पूरा नहीं हो सकता है. 23 मार्च साल 1931 को भगत सिंह और उनके साथी राजगुरु एवं सुखदेव को अंग्रेज़ी शासन ने फांसी की सजा दिया था, 23 साल की उम्र में भगत सिंह अपने साथियों के साथ मुस्कुराते हुए फांसी पर चढ़ गए थे.
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शाहिद भगत सिंह और उनके साथियों की शहादत को देश हर साल शहीद दिवस Shaheed Diwas के रूप में याद करता है. कुर्बानी के 92 साल बीत जाने के बाद आज भी भगत सिंह और उनके आजाद भारत के विचार धारा को याद किया जाता है. तो आइए जानते हैं शाहिद भगत सिंह जिंदगी से जुड़े कुछ ऐसे ही रोचक तथ्य को जो आज भी करोड़ों युवा पीढ़ी को प्रेरणा देती हैं.
क्रांतिकारी शहीद-ए-आजम भगत सिंह के जिंदगी से जुड़े तथ्य facts about shaheed bhagat singh in Hindi
सिर्फ 23 साल की उम्र में वीर सपूत शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने 23 मार्च 1931 को देश के लिए हंसते-हंसते फांसी का फंदा चूम लिया था। आईए जानते हैं शहीद भगत सिंह के जिंदगी से जुड़े तथ्य
- 8 अप्रैल 1929 को भगत सिंह एवं बटुकेश्वर दत्त ने सेंट्रल असेंबली में एक बम फेका था ।
- बम फेंकने के बाद भी भगत सिंह वहां से भागने के बजाय डट के खड़े रहे और खुद को अंग्रेजी हुकूमत के हवाले कर दिया।
- तकरीबन दो वर्ष जेल में रहने के बाद 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के एक साथ फांसी पर लटका दिया गया था।
- 28 सितम्बर 1907 में शहीदे आजम भगत सिंह का जन्म पाकिस्तान के लायलपुर गांव में हुआ था।
- शहीद भगत सिंह के माता का नाम विद्यावती और पिता का नाम किशन सिंह था।
- शहीद भगत सिंह महज 12 साल की उम्र में ही आजादी के आंदोलन में कूद पड़े थे।
- जिस उम्र में एक बच्चे अपने मां के गोद में सिर रखकर कविताएं सुनते है, उस उम्र में भगत सिंह भारत की आजादी की बात किया करते थे,
- जिस उम्र में बच्चे अपने खिलौने से खेलते थे, उस उम्र में भगत सिंह बंदूक का जिक्र किया करते थे।
जानिए क्यू भगत सिंह और उनके साथी को एक दिन पहले फांसी दे दी गई थी ?
shaheed bhagat singh shaheedi diwas: भगत सिंह और उनके दो साथियों को फांसी पर चढ़ाने के लिए 24 मार्च का तारीख तय किया गया था लेकिन उन्हें एक दिन पहले ही यानी 23 मार्च को फांसी दे दीया गया था। इसके पीछे सबसे बड़ा वजह यह था कि जब भगत सिंह और उनके मित्रों को फांसी की सजा की खबर पूरे देश में आग की तरह फैल रही थी, लोगों ने चौतरफा प्रदर्शन और विरोध शुरु कर दिया था जिससे अंग्रेजी शासन सबसे अधिक डर गया था और जल्दी बाजी में अंग्रेजों ने उन्हें 11 घंटे पहले ही फांसी दे दिया।
जलियांवाला बाग हत्याकांड ने उनकी जिंदगी बदल दी
Bhagat Singh jayanti: जलियांवाला बाग हत्याकांड गहरा असर शहीद भगत सिंह की जिंदगी पर पड़ा था. जब भगत सिंह की उम्र मात्र 12 के थे तभी वर्ष 1919 में अंग्रेजों द्वारा किया गया जलियांवाला बाग नरसंहार ने भगत सिंह की जिंदगी को झकझोर दीया था मानो उनकी जिंदगी बदल सी गई थी और ऐसा भी कहा जाता है कि उन्होंने जलियांवाला बाग में ही अंग्रेजी हुकुमत को जर से खत्म करने के खिलाफ सौगंध ली थी
आजादी के मायने क्या थे ?
भारत की आजादी को लेकर भगत सिंह के विचार बहुत अलग थे. उनका मानना था कि भारत को आजादी तब नहीं मिलेगी, जब तक भारत देश से अंग्रेज भाग नही जाते भारत तभी एक आजाद देश बनेगा, फिर यह देश एक ऐसा समाज बन जायेगा, जहां कोई भी किसी का शोषण नही कर पायेगा।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल FAQ
Q: शहीद दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?
Ans: भारत में कई तिथियों में शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिनमें कुछ मुख्य तिथि इस पारकर है।
30 जनवरी शहीद दिवस: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर मनाई जाती हैं।
14 फरवरी शहीद दिवस: पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 39 जवान शहीद हो गये थे इन्हीं को श्रद्धांजलि दिया जाता हैं।
23 मार्च शहीद दिवस:, अंग्रेज़ी हुकुमत ने शहीद भगत सिंह, राजगुरु एवं सुखदेव को इसी दिन फांसी दी गई थी, इन शूरवीरों को श्रद्धांजलि अर्पित किया जाता है
21 अक्टूबर शहीद दिवस: लद्दाख में केन्द्रीय पुलिस बल के एक टुकड़ी जवानों ने मातृभूमि की रक्षा करते हुए शहीद हो गए थे उन्ही के पुण्यतिथि मनाई जाती है
17 नवम्बर शहीद दिवस लाला लाजपत राय की पुण्यतिथि मनाई जाती है।
Q: 30 जनवरी को शहीद दिवस क्यों मनाया जाता है?
Ans: 30 जनवरी 1948 को, जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी दिल्ली के बिड़ला भवन में शाम की प्रार्थना सभा से उठ रहे थे, नाथूराम गोडसे ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी। तभी से हर साल 30 जनवरी को बापू की पुण्यतिथि को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।
Q: पुलिस शहीद दिवस क्यों मनाया जाता है?
Ans: 21 अक्टूबर 1959 को केंद्रीय पुलिस बल की एक टुकड़ी के जवानों ने लद्दाख में मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी। तब से हर साल 21 अक्टूबर को दिवंगत शूरवीरों की याद में पूरे देश में "पुलिस शहीद दिवस" मनाया जाता है।