यामिनी कृष्णमूर्ति | Yamini Krishnamurthy Biography | Dance Award | Shastriya Nritya

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मुंगरा यामिनी कृष्णमूर्ति भारतीय शास्त्रीय नृत्य (Classical Dance) की दुनिया में एक प्रतिष्ठित नाम है। वे भरतनाट्यम और कुचिपुड़ी जैसे दो प्रमुख भारतीय क्लासिक डांस  शैलियों में अपने योगदान के लिए दुनियां भर में प्रसिद्ध थी, सन 2001 में यामिनी यामिनी कृष्णमूर्ति को भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया था।, उनकी अनूठी कला ने न केवल भारत में बल्कि इंटरनेशनल लेवल पर भी शास्त्रीय नृत्य को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। इस ब्लॉग में, हम Yamini Krishnamurthy के जीवन, उनकी नृत्य यात्रा, (birth, family Education, Awards, death) और उनके अद्वितीय योगदानों (Unique contributions) पर एक नजर डालेंगे।

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यामिनी कृष्णमूर्ति की जीवन परिचय (Yamini Krishnamurthy Biography in Hindi)

Yamini Krishnamurthy Biography Dance

विवरण 

जानकारी

पूरा नाम 

मुंगरा यामिनी कृष्णमूर्ति

जन्म (Birth/Born)

20 December 1940

जन्म स्थान (Birth Place)

मदनपल्ली, मद्रास प्रांत, ब्रिटिश भारत

निधन (Died)

3 अगस्त 2024 नई दिल्ली, भारत

आयु (Age)

83 वर्ष 

राष्ट्रीयता (Nationality)

भारतीय

प्रसिद्ध (Known for)

भारतीय शास्त्रीय नृत्य

भरतनाट्यम, कुचिपुड़ी

पुरस्कार (Awards)

पद्म विभूषण, पद्म भूषण, पद्म श्री

प्रारंभिक जीवन और पृष्ठभूमि (Early Life)

यामिनी कृष्णमूर्ति का जन्म 20 दिसंबर 1940 को मदनपल्ली, चित्तूर जिले, आंध्र प्रदेश में हुआ था। बाद में उनका परिवार तमिलनाडु के चिदंबरम में बस गया था। यामिनी का प्रारंभिक जीवन कला और संस्कृति के समृद्ध वातावरण में बीता। उनके पिता श्री कृष्णमूर्ति ने उनकी नृत्य (Dance) में रुचि को पहचाना और उन्हें प्रोत्साहित किया। उनकी माता “ममता देवी” भी संस्कृति कला प्रेमी थीं, जिसने यामिनी के क्लासिक डांस के प्रति प्रेम को और बढ़ावा दिया।

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नृत्य यात्रा की शुरुआत (Dance Journey)

Yamini Krishnamurthy Ka Sambandh Kis Nritya Se Hai: यामिनी कृष्णमूर्ति ने क्लासिक डांस की शिक्षा बहुत ही कम उम्र में शुरू कर दी थी। भरतनाट्यम (Bharatanatyam) की शिक्षा उन्होंने प्रसिद्ध नृत्यगुरु “रुक्मिणी देवी अरुंडेल” से उनके चेन्नई स्थित "कलाक्षेत्र" में ली। इसके बाद, उन्होंने कुचिपुड़ी नृत्य की शिक्षा “वेदांतम लक्ष्मीनारायण शास्त्री” और “पसुमर्ती रामलिंग शास्त्री” से प्राप्त की। उनकी अद्वितीय प्रतिभा और कठिन परिश्रम ने उन्हें शास्त्रीय नृत्य (Classical Dance) की दुनिया में तेजी से उभरने में काफी मदद की।

करियर और प्रसिद्धि (Career And Fame)

Yamini Krishnamurthy Bharatanatyam: सन 1957 में अपनी पहली सार्वजनिक प्रस्तुति के साथ, यामिनी ने भारतीय शास्त्रीय नृत्य के मंच पर अपना कदम रखा। उनकी प्रस्तुति ने तुरंत ही दर्शकों का दिल में अपना जगह बना लिया और उन्हें भरतनाट्यम और कुचिपुड़ी (Bharatanatyam and Kuchipudi) दोनों शैलियों में एक प्रतिभाशाली कलाकार के रूप में स्थापित किया। अनके कला में शुद्धता, निपुणता, और भावनात्मक गहराई की झलक मिलती है, जिसने उन्हें दर्शकों और आलोचकों दोनों ने अपना चहेता बना लिया।

अपने करियर में यामिनी कृष्णमूर्ति ने भारत के प्रमुख मंचों पर अपना अच्छा प्रदर्शन किया है और अपनी बेहतरीन कला के माध्यम से भारतीय संस्कृति को विश्व मंच पर प्रस्तुत किया है। उन्होंने अमेरिका, यूरोप, और एशिया के कई देशों में भी अपनी कला प्रस्तुतियों के माध्यम से भारतीय शास्त्रीय नृत्य (Indian Classical Dance) की झंडा फहराई है।

पुरस्कार और सम्मान (Awards and Honors)

Awards Won By Yamini Krishnamurthy: यामिनी कृष्णमूर्ति को उनके उत्कृष्ट योगदान (Outstanding Contribution) के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा गया है। उन्हें सन 1968 में पद्म श्री, 2001 में पद्म भूषण, और 2016 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। जो भारत गणराज्य के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से हैं। इसके अलावा, उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है, जो उनकी कला के प्रति समर्पण और उत्कृष्टता का प्रमाण है।

8 मार्च 2014 को महिला दिवस के अवसर पर Shambhavi School of Dance में "नयिका-एक्सीलेंस पर्सनलाइज़्ड" द्वारा उन्हें "नाट्य शास्त्र" पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 

शास्त्रीय नृत्य के प्रति समर्पण (Devotion classical dance)

यामिनी की नृत्य यात्रा उनके समर्पण और कठिन मेहनत का प्रमाण है। उन्होंने भरतनाट्यम और कुचिपुड़ी के माध्यम से भारतीय शास्त्रीय नृत्य (Indian classical dance) को एक नई दिशा दी। उनकी प्रस्तुतियों में तकनीकी निपुणता और भावनात्मक गहराई का संगम पाया जाता है,, जिसने उन्हें दुनियां भर में एक अनूठी पहचान दिलाई है। यामिनी का मानना है कि कला नृत्य एक आध्यात्मिक साधना (Spiritual practice) है, जो आपके आत्मा को शुद्ध और मन को स्थिर करने में मदद करता है।

नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा (Inspiration)

उन्होंने अपनी कला को नई पीढ़ी तक पहुँचाने के लिए कई नृत्य विद्यालयों (Dance schools) के साथ काम भी किया है। वे नई पीढ़ियों के नर्तकों को न केवल तकनीकी कौशल बल्कि कला के प्रति समर्पण और अनुशासन का महत्व भी सिखाती थी। उनकी शिक्षाएं नई पीढ़ी के नर्तकों को प्रेरित करती हैं और उन्हें Classical Dance की गहराई को समझने में मदद करती हैं।

यामिनी कृष्णमूर्ति के बारे में रोचक तथ्य (Interesting facts about Yamini Krishnamurthy in Hindi)

  • यामिनी कृष्णमूर्ति ने सन 1957 में मद्रास में डेब्यू किया। उन्हें तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के अस्थाना नर्तकी होने का सम्मान प्राप्त है। वह कुचिपुड़ी नृत्य के "मशाल वाहक" के रूप में भी जानी जाती थीं।
  • yamini krishnamurthy husband: यामिनी कृष्णमूर्ति ने कभी भी शादी नहीं की।
  • उन्होंने "Women of Kuchipudi" पर एक व्याख्यान प्रदर्शन दिया। उसने एक कुचिपुड़ी डांस डीवीडी कैसेट भी जारी की, जिसमें प्रचेत काशी की विशेषता थी जो कुचिपुड़ी डांस्यूज़ श्रीमती की बेटी है।

निधन (Yamini Krishnamurthy Death)

भरतनाट्यम नृत्यांगना डॉ. यामिनी कृष्णमूर्ति का निधन 3 अगस्त 2024 को नई दिल्ली के अपोलो अस्पताल में हुई थी, वह 83 वर्ष की थीं। वह अपनी उम्र संबंधी समस्याओं से पीड़ित थीं और पिछले सात महीनों से आईसीयू में थीं।

निष्कर्ष (conclusion)

यामिनी कृष्णमूर्ति का जीवन (Life of Yamini Krishnamurthy) और करियर भारतीय शास्त्रीय नृत्य की शक्ति और सुंदरता का प्रमाण है। उनकी कला ने भारतीय संस्कृति को वैश्विक मंच (Global Platform) पर प्रस्तुत किया और कई पीढ़ियों को प्रेरित किया है। उनकी अनूठी नृत्य शैली और समर्पण ने उन्हें Indian Classical Dance की दुनिया में एक प्रतिष्ठित स्थान दिलाया है। यामिनी कृष्णमूर्ति आज भी एक प्रेरणा स्रोत बनी हुई हैं और उनके योगदान को सदैव सराहा जाता रहेगा। उनकी नृत्य यात्रा उन सभी के लिए एक प्रेरणा है जो कला और संस्कृति के क्षेत्र में कुछ नया और अनूठा करने का सपना देखते हैं।

संबंधित सवाल (FAQ)

प्रश्न: यामिनी कृष्णमूर्ति का जन्म कब और कहां हुआ था?

उत्तर: 20 December 1940 को मदनपल्ली मद्रास भारत में हुआ था।

प्रश्न: यामिनी कृष्णमूर्ति का संबंध किस शास्त्री नृत्य से है?

उत्तर: भरतनाट्यम और कुचिपुड़ी जैसे दो प्रमुख भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैलियों से संबंधित थी और अपने योगदान के लिए दुनियां भर में प्रसिद्ध थी।

प्रश्न: यामिनी कृष्णमूर्ति निधन कब और कैसे हुआ?

उत्तर: उम्र से संबंधी समस्याओं के कारण उनका निधन 3 अगस्त 2024 को नई दिल्ली के अपोलो अस्पताल हुआ था।


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