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"हिन्दू धर्म में सिंदूर की बहुत ही महत्त्व दिया गया है । महिलाओं अपने सुहाग के रक्षक सिंदूर को मानती है , सुहागिन स्त्रियों की अनमोल गाहना है सिंदूर इसका उलखे रामायण काल में भी हुआ है।"
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सिंदूर का उलखे रामायण काल में, जब हनुमान जी ने अपने शरीर पर सिंदूर का लेप लगाया (The mention of vermilion in the Ramayana period )
रामायण में एक प्रसंग है जिसके अनुसार एक बार हनुमान जी ने माता सीता को सिंदूर लगाते हुए देख लिए थे, उन्हें माता सीता के केसरिया सिंदूर लगाने का कारण समझ नहीं आया, तभी उन्होंने माता सीता से इसका कारण पूछा तो माता सीता ने बताई, प्रभु श्रीराम की आयु में विर्धी हो इस लिए यह सिन्दूर लगाती हूं, हनुमान जी प्रेम और गृहस्थ जीवन से जुड़े हुए विषयों से बिल्कुल अनजान थे, अगले दिन जब हनुमान जी सभा में आए तो उन्हें देख कर सब ठहके मार के हसने लगे क्यू की सभा में हनुमान जी अपने पूरे शरीर पर केसरिया सिंदूर का लेप लगाकर आए थे,
ये देखकर सभी लोगों हैरान हो गए, कारण पूछने पर हनुमान जी बताया माता सीता ने बताई है की सिंदूर को लगाने से प्रभु श्रीराम की आयु बढ़ती है, इसलिए मैंने पूरे शरीर में इस सिंदूर को लगा दिया, जिससे प्रभु श्रीराम की आयु और भी लंबी हो, सभी उपस्थित लोग हनुमान जी के इस भोलेपन पर मुस्कुरा रहे थे, रामायण में इस प्रसंग के अलावा सिंदूर लगाने से जुड़ी हुई और कई पौराणिक कहानियां मिलती है,यही नहीं भारतीए फिल्मी जगत की मेहसुर डायलॉग है एक चुटकी सिन्दूर की कीमत तुम किया जानो सुभाष बाबू।
असली सिंदूर केसे बनता हैं, (How is real vermilion made?)
असली सिन्दूर एक ओषधीय वनस्पति सिंदूरी से उतपन की जाती है जिसे ऑर्गेनिक सिंदूर भी कहा जाता है मान्यता हैं की वणबास के दौरान माता सीता इसी का फल के सिन्दूर अपनी मांग में लगातीसिन्दूर जहाँ सौभाग्य का प्रतीक है वही स्वास्थ्य के लिए हितकार भी क्योकि ये थी, हनुमान जी इसी को अपने शरीर में लगाते थे सिन्दूर जहाँ सौभाग्य का प्रतीक है वही स्वास्थ्य के लिए हितकार भी क्योकि ये ना सिर्फ चिंता मुक्त करता है बल्कि अनिद्रा, सिर दर्द, याद दाशत , मन की शांति और चेहरे की झुर्रियाँ जैसी समस्याओं को भी दूर करता है,
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शिंदूर स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, (vermilion is beneficial for health
वहीं बात करें, मांग में सिंदूर लगाने के वैज्ञानिक पहलू के बारे में तो वैज्ञानिकों ने सिंदूर लगाने के कारण के साथ इसके फायदे भी बताए हैं,विवाहित महिलाएं मांग के बीचों-बीच जहां सिंदूर लगाती हैं, उसे अध्यात्म में ब्रह्मरंध्र कहा जाता है। इसे एक ग्रंथि के रूप में जाना जाता है वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महिलाओं का ये स्थान बहुत नाजुक होता है, जिसे सुरक्षा की जरूरत होती है सिंदूर में पारा होता है, जिसे लगाने से इस स्थान में ठंडक पहुंचती है
शिंदुर के वैज्ञानिक फायदे (Scientific benefits of Shindur)
वैज्ञानिक तर्क के अनुसार विवाह के बाद महिलाओं के जीवन में बहुत बदलाव आता है, इसलिए उन्हें तनाव होने लगता है ऐसे में सिंदूर को लगाने से तनाव कम होता है क्योंकि सिंदूर में पारा नामक पदार्थ पाया जाता है, जो तनाव को कम करने में मदद करता है
रसायनिक शिंदूर केसे बनता हैं, (How is chemical vermilion made?)
मर्करी और सल्फर को मिक्स कर के सिन्दूर बनता है रसायनिक सूत्र HGS होता है इसे रसायन विज्ञान मक्यूरिक सल्फाइड के नाम से जानते है ,मर्करी दिमाग को शांत रखता है शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है और तनाव भी कम करता है
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल FAQ
Q: शिंदूर केसे बनता हैं?
Ans: मर्करी और सल्फर को मिक्स कर के रसायनिक शिंदूर बनता है
Q: जैविक (Organic) शिंदूर केसे बनता हैं?
Ans: Organic शिंदूर पौधे से प्राप्त किया जाता है
Q: विवाहित महिलाएं शिंदूर क्यू लगाती है?
Ans: विवाह के बाद महिलाओं तनाव मुक्त होने के लिए सिंदूर लगाती है। और पौराणिक मान्यताओं से महिलाओं अपने सुहाग के रक्षक सिंदूर को मानती है
अंतिम शब्द
प्रिय पाठकों आज हम ने जाना की शिंदूर केसे बनता हैं, शिंदुर के वैज्ञानिक फायदे और किस वजह से मांग में सिंदूर लगाया जाता है, यह लेख आप को कैसी लगी कॉमेंट करें, अगर आप के पास कोई सुझाव है तो Contact us क्लिक कर के हमे बताए।
Bahut nik
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