एक अजब-गजब गांव जहा लोग घोंसला में रहता है, (kandovan village history and Facts in Hindi)
"kandovan village: दोस्तों यह दुनिया आज भी बहुत ऐसे अजीबोगरीब रहस्य या प्रथाओं से भरी है जिनके बारे में हम शायद ही जानते होगे, दुनिया मे एक और ऐसा गांव है जहा लोग आज भी अजीबोगरीब तरीके से रहना पसन्द करते हैं, जहा लोगों के घर घोंसले जैसा होता हैं, जी हा ये बात आप को थोरी अटपटी और अजीब लगेगी लेकिन यह सच है, वहा के लोग घोंसलों में रहना पसन्द करते हैं।"
{tocify} $title={विषय सूची}
kandovan village history |
अजब गजब इतिहास की जानकारी, Ajab gajab jankari Hindi Me
इस दुनिया में आपको अजीबोगरीब लोग और जगहें मिल जाएंगी जहा के तौर तरीके रहन सहन अलग होती है और वह हम सब के लिए अजीबोगरीब लगता है, अगर किसी बेक्ति से यह पूछा जाए कि घोंसले में कौन रहता है, तो लगभग उनका जवाब होगा "पक्षी" लेकिन अगर कोई यह कह दे की घोंसले में मनुष्य रहता है तो इन बात पर कोई यकीन नहीं करेगा और उनको ये बात अटपटी लगेगी क्योंकि हर एक बेक्ति का सपना होता है की वह एक आलीशान घर में रहें। और उसमें वह सारी सुख-सुविधाएं उपलब्ध हों जो इंसान के लिए महत्पूर्ण है। मगर हम आप को इस लेख में एक ऐसे अजीब घर के बारे में बताने रहे हैं, जिसके बारे में आज तक आप शायद ही सुने होंगे तो और निचे चलिए जानते हैं। kandovan village history in Hindi
अद्भुत रहन-सहन और प्रथा के लिए पूरी दुनिया में यह गांव प्रसिद्ध है।
इस गाँव का नाम है कंडोवन गांव और यहां की एक ऐसी पुरानी परम्परा हैं जिसे जान कर आप सोचेंगे क्या सच में ऐसा होता है, ईरान के कंदावन गांव में लोगों को घोसलेनुमा आकार के घरों में रहने की पुरानी प्रथा है और यहां के लोग बखूबी इस प्रथा को निभाते है, यह गांव अपनी पुरानी परम्परा और अद्भुत रहन-सहन तोर तरीकों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। और यहां के लोग चिड़िया की तरह मिट्टी के घोसलेनुमा आकर का घर बनाकर रहते हैं।
kandovan village image |
Image source of common Wikipedia
kandovan village: कंडोवन गांव नाम का पहले दो अक्षरों का बहुवचन 'कंटा' कहा जाता है, जिसका मतलब मधुमक्खियों का घोंसला होता है, इस गांव का नाम इसी पर रखा गया है, और यहां का दिलचस्प बात यह है कि पिछले 700 सालों से लोग इन्हीं घोंसले जैसा घरों में रहते आ रहे हैं। कंदीवन गांव के लोग कई पीढ़ियों से इसी घरों में रहते है, और उन्हें इस घर में रहना पसंद करते है।
आखिर क्यों घोंसले जैसा घर बनाया गया?
इस गांव के लोग का कहना है कि उनके पूर्वज यहां मंगोलों से बचने के लिए आए थे। हमारे पूर्वजों के समय में यहां 'मंगोलों का दहशत' बहुत जायदा हुआ करता था, और कंदीवन गांव को यहां के पूर्वजों ने बनाया और बसाया है उन्होंने 'मंगोलों के हमले' से जान बचाने के आस पास क्षेत्रों में घोंसले जैसा घर बनाया, यहां वह अपने और अपने परिवार की जान का रक्षा कर सके।
कंडोवन गांव में घोंसले जैसा घर कैसे बनाया गया?
हम ने यह जान लिया की मंगोलों के हमलावरो हमलावरों से बचने के लिए घोसलेनुमा घर बनाया गया था और आईए अब जानते है की आखिर कार ये मधुमक्खी जैसा घोंसलेनुमा घर बनाया कैसे गया था, कंदीवन गांव के पूर्वजों ने निष्क्रिय ज्वालामुखी की चट्टानों को अंदर से खोद खोद कर खोखला कर दिया और इसे ही अपना स्थायी बसेरा बना लिया।
किया यह घर वातावरण के अनुकूल हैं?
कंदीवन गांव में घोंसले जैसा घरों की एक एहम बात यह है कि ये घर बिलकुल वातावरण के अनुकूल हैं। इस घर में ठंड के मौसम में गर्मी का अहसास होता है और गर्मी में मोसाम में ठंडक का अहसास होता है। यह घोंसलेनुमा घर देखने में तो बहुत अजीब किस्म का लगता हैं लेकिन यह घर बहुत आरामदायक होता हैं। सात सौ साल पुराने इस घर में लोगों को ठंडी में हीटर या गर्मी में ऐसी की जरूरत ही नहीं पड़ती।
किया kandovan village पर्यटकों के लिए प्रसिद्ध हैं ?
यह ईरान के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। जहा चट्टानों को खोदकर बनाए गए घर यहां आने वालों पर्यटकों को मन मोह लेता है, और कंदोवन गांव एक अद्भुत नजारा और कला कीर्ति को प्रस्तुत करता हैं। कदोवन गांव के निवासियों का मुख्य पेशा खेती-बाड़ी और पशुपालन है। दुनिया भर में कंदोवन गांव अपनी एक अनोखी घरों के लिए प्रसिद्ध होते जा रहा जाने है।
इन घरों का खास बात यह है कि इनमें ज्यादातर मकान चार मंजिला एक आलीशान इमारत जैसा है। यहां के लोगों की कमाई का जरिया खेती, पशु पालन है। लेकिन अच्छी कमाई पर्यटकों से होने लगी हैं। यहां के सस्थान्य लोग हेड क्राफ्ट जीजे बनाकर बेचते हैं। और कई लोगों तो अपने घरों को एक हेरिटेज हॉटल में तब्दील कर दिया है।
निष्कर्ष
प्रिय पाठकों ये संसार अजब गजब रहस्य से भरी पड़ी और जब हम कोई नया रहस्य इतिहास या प्रथाओं को बारे में जानते है तो, हम उसे और गहराई से अध्ययन करना चाहते हैं, आज हम ने जाना kandovan village history in Hindi यह लेख पसंद आई हो तो शेयर करें और आप को यह लेख कैसी लगी कॉमेंट करें, यदि आप के इस लेख से संबधित कोई जानकारी है या आप अपना कोई जानकारी लेख के माध्यम से देना चाहते हैं तो गेस्ट पोस्ट करें।