Aditya L1 Mission Kya Hai In Hindi (ISRO Aditya L1 launch date, budget, kab pahuchegi, Live, First Photo) आदित्य एल1 मिशन क्या है? (लॉन्च की तारीख, बजट, कब, पहुंचेगा, लाइव, पहली फोटो)
ISRO Aditya L1 Solar Mission in Hindi
Aditya L1 Solar Mission: दुनिया की नज़र भारत के आदित्य-एल1 सूर्य मिशन पर है। आदित्य-एल1 क्या है? मिशन के मुख्य उद्देश्य क्या हैं? मिशन के Constituent कौन-कौन से हैं? कब और कहां से लॉन्च किया गया इसे? क्यों जरूरी है सूर्य का अध्ययन आइए जानते हैं…
आदित्य एल1 मिशन की जानकारी (Aditya L1 Mission In Hindi)
Aditya L1 Mission In Hindi: नमस्कार दोस्तों के ISRO के एक ऐतिहासिक सफ़लता चंद्रयान 3 को दो हफ्ते भी पूरे नहीं हुए, लेकिन इसरो एक बार फिर से इतिहास रचने जा रहा है। इसरो की नजर चांद पर नहीं, बल्कि सूरज की तरफ है। "isro aditya l1 mission launch date" इसरो का सूर्य मिशन आदित्य L1 को 2 सितंबर 2023 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च कर दिया है, यहां हम आपको आदित्य एल1 मिशन से जुड़े रोचक जानकारियां "Aditya L1 Facts in Hindi" में बता रहे है तो लेख में बने रहिए।
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Fact About Aditya L1 Mission Isro | आदित्य एल1 मिशन के बारे में तथ्य
- आप को बता दे कि भारत का पहला सूर्य मिशन Aditya L1 हैं, इस मिशन के तहत एक उपग्रह सौरमंडल में L1 पॉइंट पर रखा गया है, यह उपग्रह (Satellite) सूर्य को स्टडी करेगा। और सूर्य से जुड़ी जानकारियां और तथ्य धारती पर भेजेगा।
- Aditya L1 mission kab launch hua ISRO ने अपना पहला सूर्य मिशन आदित्य L1 को 2 सितंबर 2023 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च कर दिया है
- आदित्य L1 भारत का पहला सूर्य मिशन है जो विशेष रूप से सूरज को स्टडी करेगा, लेकिन जैसे चंद्रयान चांद पर लैंड किया था, वैसे आदित्य L1 सूरज पर लैंड नहीं करेगा बल्कि दूर से ही सूरज का अध्ययन करेगा।
- इस मिशन को L1 पॉइंट पर पहुंचने में करीब 4 महीने का समय लगेगा और एक बार वहां पहुंच गया तो 5 साल तक वही रहकर सूरज को स्टडी करेगा।
- लैंग्रेज पॉइंट सूर्य और पृथ्वी के बीच गुरुत्वाकर्षण प्रणाली का वह बिंदु है जहां एक छोटी सी चीज रखी जा सकती है,
- ताकि वह दोनों तरफ के गुरुत्वाकर्षण खिंचाव के बीच में आसानी से घूम सके।
- इसरो के सूर्य मिशन Aditya का नाम सूर्य के कोर के नाम पर आधारित करके रखा गया है।
- Aditya के आगे L1 इसलिए जोड़ा गया है क्योंकि ये एल1 यानी लैंग्रेज पॉइंट Langreg Point 1 पर रखा जाएगा।
- features of aditya l1 mission: आदित्य एल 1 सूर्य मिशन सूर्य के तीन परतों और इससे निकलने वाली सभी प्रकार की किरणों, सोलर विंड और पार्टिकल को अध्ययन करेगा।
क्यों जरूरी है सूर्य का अध्ययन? (Why is it important to study the Sun?)
चूँकि सूर्य सबसे निकटतम तारा है, इसलिए इसकी जांच अन्य तारों की तुलना में अधिक विस्तार से की जा सकती है। इसरो का दावा है कि सूर्य का अवलोकन करके हम अपनी आकाशगंगा और कई अन्य आकाशगंगाओं के तारों के बारे में बहुत कुछ जान सकते हैं। सूर्य एक अत्यंत गतिशील तारा है जो हम देख सकते हैं, सूर्य असंख्य विस्फोटक घटनाओं का स्थल है और सौर मंडल को इससे भारी मात्रा में ऊर्जा प्राप्त होती है।
यदि ऐसी विस्फोटक सौर घटना पृथ्वी की ओर निर्देशित होती है, तो यह पृथ्वी के निकट अंतरिक्ष वातावरण में कई समस्याओं को जन्म दे सकती है। ऐसे मुद्दों का अनुभव कई अंतरिक्ष यान और संचार प्रणालियों द्वारा किया गया है। इस वजह से, ऐसी घटनाओं की पूर्व चेतावनी प्राप्त करना महत्वपूर्ण है ताकि निवारक कार्रवाई की जा सके।
आदित्य-एल1 क्या है? (What Is Aditya L1 Mission in Hindi)
आदित्य एल1 सूर्य को अन्वेषण करने वाला मिशन है। इसके साथ ही यह इसरो का पहला अंतरिक्ष observatory श्रेणी वाला 'भारतीय सौर मिशन' है। इस अंतरिक्ष यान को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के Langreg point 1 (L1) के चारों ओर एक halo orbit में स्थापित करने की योजना है, जो पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर स्थित है। वास्तव में, लैग्रेंज बिंदु वह है जहां दो वस्तुओं के बीच कार्य करने वाले सभी गुरुत्वाकर्षण बल एक दूसरे को रद्द कर देते हैं। इसलिए, बिंदु L1 का उपयोग अंतरिक्ष यान लॉन्च करने के लिए किया जा सकता है।
आदित्य-एल1 मिशन का उद्देश्य क्या है? (What is the objective of Aditya-L1 mission?)
भारत का महत्वाकांक्षी सौर मिशन आदित्य एल-1 कोरोना (सूर्य के वायुमंडल की बाहरी परत) की संरचना और इसकी ताप प्रक्रियाओं, तापमान, सौर ज्वालाओं और सौर तूफानों के कारणों और उत्पत्ति, कोरोना की संरचना और गति का अध्ययन करेगा। सूरज। वायुमंडल और घनत्व, कोरोनल चुंबकीय क्षेत्र की माप, कोरोनल द्रव्यमान निष्कासन की उत्पत्ति, विकास और गति (सूर्य से सबसे शक्तिशाली विस्फोट जो सीधे पृथ्वी से टकराते हैं), सौर हवा और अंतरिक्ष मौसम को प्रभावित करने वाले कारकों का अध्ययन करेंगे।
आदित्य एल1 की लागत (Aditya L1 Mission Budget)
cost of aditya l1: हालांकि ISRO ने सूर्य मिशन आदित्य-एल1 के बजट का खुलासा नहीं किया है, लेकिन लोकसभा में सरकार ने बताया था कि सौर मिशन के लिए कुल 378.53 करोड़ रूपए आवंटित किए गए हैं. इसमें लॉन्च करने की कोई लागत नहीं है. इस बजट के साथ ही "आदित्य-एल1 अब तक का सबसे सस्ता सोलर मिशन होगा" वही अक्टूबर 2006 में नासा द्वारा "स्टीरियो अंतरिक्ष यान" भेजा गया था, जिसका बजट लगभग 55 करोड़ डॉलर यानी लगभग 4549 करोड़ भारतीय रुपए था। इसी तरह नासा को "पार्कर सोलर प्रोब" (Parker Solar Probe Vs Aditya L1) की लागत 1.5 अरब डॉलर यानी 1,24,08 करोड़ भारतीय रुपए है. आप को बता दे कि पार्कर सोलर प्रोब सूर्य के सबसे नजदीक का मिशन है।